'असमानता दूर किए बिना कोई देश लोकतांत्रिक होने का दावा नहीं कर सकता', CJI ने की बड़ी टिप्पणी
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक न्याय के बिना कोई भी राष्ट्र प्रगतिशील नहीं हो सकता। उन्होंने भारत में सामाजिक-आर्थिक न्याय प्रदान करने में संविधान की भूमिका पर जोर दिया। जस्टिस गवई ने कहा कि न्याय केवल पुनर्वितरण नहीं है बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने और देश के जीवन में समान रूप से भाग लेने में सक्षम बनाना है।
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