'शादी के बाद शारीरिक संबंध नहीं बनाना मानसिक क्रूरता', जानिए फैमली कोर्ट ने क्यों की ऐसी टिप्पणी
जयपुर महानगर पारिवारिक न्यायालय ने विवाह के बाद शारीरिक संबंध न बनाने को मानसिक क्रूरता माना है। 15 वर्षों तक संबंध न बनने पर पति की तलाक अर्जी स्वीकार की गई। न्यायाधीश पवन कुमार ने कहा कि संबंध न बनने से दांपत्य जीवन में सुधार नहीं हो सका। पति ने पत्नी पर आत्महत्या की धमकी देने और अलग रहने के लिए विवाद करने का आरोप लगाया।
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