Supreme Court: टूटे रिश्ते का मतलब आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
भले ही टूटे हुए रिश्ते भावनात्मक रूप से परेशान करते हैं लेकिन इसका अपने आप यह मतलब नहीं होता कि आत्महत्या के लिए उकसाया गया है और अगर कोई इरादा ना हो तो यह मामला दण्डनीय अपराध के अंतर्गत नहीं आता। वहीं यह बात शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कही। from Jagran Hindi News - news:national https://ift.tt/7NqdM8a via IFTTT